Mahatma Gandhi Principles - गांधीजी की वो चार गजब बातें जो दुनिया ने अपनाईं, हमने भुलाईं
नई दिल्ली । गांधीजी के सत्य- अहिंसा के सिद्धांतों को पूरी दुनिया ने अपनाया। चाहे दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका में अश्वेतों के अधिकारों की लड़ाई हो या म्यांमार में लोकतंत्र की। लेकिन इनके अलावा गांधीजी की आज कुछ ऐसी बातें हैं, जो खुद हमने ही भुला दी हैं। हालांकि दुनिया में इसे सफलतापूर्वक स्वीकारा जा रहा है।
#Gandhi Jayanti
जानते हैं गांधी जी की ऐसी ही कुछ सीखों के बारे में-
#Gandhi Jayanti
जानते हैं गांधी जी की ऐसी ही कुछ सीखों के बारे में-
घी का दिया क्यों जलाया
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घी का दिया क्यों जलाया
- सेवा ग्राम में बापू के जन्मदिन के मौके पर बा ने एक बार घी का दिया जलाया। बापू एकटक घी के दीपक को देखते रहे।
- बापू ने बा से कहा कि आज अगर घी का दिया नहीं भी जलता तो कोई फर्क नही पड़ता।
- हमारे आस-पास कई लोगों के पास खाने के लिए सूखा टुकड़ा तक नहीं है। ऐसे में यह तो पाप है।
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- लेकिन हम आज भी अपने आस-पास केे निर्धन लोगों की परेशानियों से हमेशा दूरी बनाए रखते हैं। हम अपने बच्चों को कुपोषण से नहीं निकाल पाए हैं।
- हर साल हजारों बच्चों की इससे मौत हो जाती है। हमारी हालत दुनिया के कई छोटे देशों से भी खराब।
शिक्षा का फॉर्मूला
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- गांधीजी ने कहा था- शिक्षा व्यवस्था ऐसी हो, जिसमें विद्यार्थी दो हुनर भी जरूर सीखें।
- अपने भोजन और रहने का खर्च खुद ही आसानी से निकालें। इससे हमारे जैसे गरीब देश में सभी बच्चों के लिए शिक्षा का इंतजाम करना अासान होगा।
- अंग्रेजों की शिक्षा बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नहीं है।
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- लेकिन हम इसे लागू नहीं कर पाए। हमारी शिक्षा व्यवस्था लगातार महंगी होती गई। इधर, कई देशों में बच्चों को स्कूल/ कॉलेजों में आंत्रप्रेन्योरशिप की ट्रेनिंग दी जा रही है। एक उम्र के बाद विद्यार्थी को पढ़ाई का खर्च निकालने लगते हैं।
दूसरों को उठाइए
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- गांधीजी ने कहा था- स्वाधीनता के लिए आर्थिक समानता जरूरी है। आर्थिक समानता के लिए पूंजी और श्रम के संघर्ष को पाटना होगा।
- जिन लोगों के पास धन है, वे इसे गरीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में लगाएं।
- यह काम तब तक चलना चाहिए जब तक आर्थिक खाई पट नहीं जाती।
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- लेकिन कम ही लोग समानता लाने की कोशिश कर रहे हैं। धनी लोगों ने इसे नहीं अपनाया। विदेशों में बिलगेट्स, वॉरेन बफे और मार्क जकरबर्ग जैसे लोगों ने अपनी 99% सम्पत्ति तक लोगों को बुनियादी सुविधा देने में लगा दी है। इससे फर्क आ रहा है।
खुद उदाहरण बनिए
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- गांधीजी हमेशा स्वयं उदाहरण पेश करने में भरोसा रखते थे। उन्हाेंने सादगी का संदेश दिया तो खुद भी सादा जीवन पहले अपनाया।
- यही नहीं प्राकृतिक चिकित्सा को लेकर उन्होंने स्वयं पर बहुत प्रयोग किए।
- कई मुद्दों पर अनशन कर खुद तकलीफ सही, ताकि लोगों काे फायदा हो।
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- लेकिन इस तरह समाज के सामने नजीर बनने और खुद परेशानी उठाने के उदाहरण कम ही देखने को मिलते हैं। जबकि विदेशों में ऐसा हो रहा है।
- अमेरिका के वर्जीनिया के पीटर हबार्ड ने इबोला वैक्सीन के टेस्ट के लिए खुद पर ट्रायल करवाया। उनकी हिम्मत को सराहा गया।